Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan

JAGJIT SINGH, JIGAR MORADABADI

मुझे दे रहे हैं तसलियान
वो हर एक ताज़ा पायम से
कभी आके मंज़िर-ए-आम पर
कभी हट के मंज़िर-ए-आम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान

ना गरज किसी से ना वस्था मुझे
काम अपने ही काम से
तेरे ज़िक्र से, तेरी फ़िक्र से
तेरी याद से, तेरे नाम से

मेरे साकिया मेरे साकिया
मेरे साकिया मेरे साकिया
तुझे मरहवा तुझे मरहवा
तू पिलाए जा तू पिलाए जा इसी
चश्म-ए-जाम-व-जाम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान

तेरी सुबो ऐश है क्या बाला
तुझे ऐ फलक जो हो हौसला
कभी कर ले आ के मुकाबला
गम-ए-हिज्र-ए-यार की शाम से
मुझे दे रहे हैं तसलियान।

Wissenswertes über das Lied Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan von Jagjit Singh

Wann wurde das Lied “Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan” von Jagjit Singh veröffentlicht?
Das Lied Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan wurde im Jahr 2004, auf dem Album “Mujhe De Rahe Hain” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan” von Jagjit Singh komponiert?
Das Lied “Mujhe De Rahe Hain Tsaliyan” von Jagjit Singh wurde von JAGJIT SINGH, JIGAR MORADABADI komponiert.

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