Naam Adaa Likhna

GULZAR, SHANTANU MOITRA

रख साइयाँ नी

रख साइयाँ नी

रख साइयाँ नी जीवे
अब रखवाला जीवे
रख साइयाँ नी जीवे
अब रखवाला जीवे

पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग ही ना लिखना
गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आवोना आवोना जेहलम में बेह लेंगे
वादी के मौसम भी एक दिन तो बदलेंगे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
आऊँ तो सुबह जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना
ज़रा ज़रा आग वाग पास रेहती है
ज़रा ज़रा कांगड़ी की आंच रेहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है (जाने बुझाने)
कभी कभी आस पास शाम रहती है (रातें है रातें)
रातें बुझाने
तुम आ गए हो

जब तुम हस्ते हो दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो दिन सो जाता है
डोली उठाये आएगा दिन तो पास बीठा लेना
कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज उगा देना
ज़रा ज़रा आस पास धुप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
ज़रा ज़रा आस पास धुप रहेगी
ज़रा ज़रा आस पास रंग रहेंगे
पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग ही ना लिखना
गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
कभी कभी आस पास शाम रहती है
रख साइयाँ नी जीवे
अब रखवाला जीवे
रख साइयाँ नी जीवे
अब रखवाला जीवे
कभी कभी आस पास चाँद रहता है
ला ला ला आस पास शाम रहती है
ला ला ला ला ला चाँद रहता है
ला ला ला आस पास शाम रहती है
हे हे हे हे
हम्म हम्म हम्म हम्म

Wissenswertes über das Lied Naam Adaa Likhna von शान

Wer hat das Lied “Naam Adaa Likhna” von शान komponiert?
Das Lied “Naam Adaa Likhna” von शान wurde von GULZAR, SHANTANU MOITRA komponiert.

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