Ghabra Ke Jo Ham
Nakshab, Khemchand Prakash
घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो
घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो
इस जीने में सौ दुख हैं
इस जीने में सौ दुख हैं मर जाएं तो अच्छा हो
मर जाएं तो अच्छा हो
घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो
दिल डूबने का मंज़र वो भी तो ज़रा देखें
दिल डूबने का मंज़र वो भी तो ज़रा देखें
आँसू मेरी आँखों में
आँसू मेरी आँखों में भर आएं तो अच्छा हो
घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो
जो हम पे गुज़रनी है
जो हम पे गुज़रनी है इक बार गुज़र जाए
जो हम पे गुज़रनी है इक बार गुज़र जाए
वो कितने सितमगर है
वो कितने सितमगर है खुल जाए तो अच्छा हो
घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो