Na Jee Bharke Dekha [Live]

BASHIR BADRA, CHANDAN DASS

न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

कई साल से कुछ खबर ही नही
कई साल से कुछ खबर ही नही
कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

उजालों की परियाँ नहाने लगीं
उजालों की परियाँ नहाने लगीं
नदी गुनगुनाई ख़यालात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

मै चुप था तो चलती हवा रुक गयी
मै चुप था तो चलती हवा रुक गयी
ज़बाँ सब समझते हैं जज़्बात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

सितारों को शायद खबर ही नहीं
सितारों को शायद खबर ही नहीं
मुसाफिर ने जाने कहाँ रात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
न जी भर के देखा ना कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

Wissenswertes über das Lied Na Jee Bharke Dekha [Live] von चंदन दास

Wer hat das Lied “Na Jee Bharke Dekha [Live]” von चंदन दास komponiert?
Das Lied “Na Jee Bharke Dekha [Live]” von चंदन दास wurde von BASHIR BADRA, CHANDAN DASS komponiert.

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