Yeh Dil Chup Chap

Rohit Kumar Chaudhari

इंसान के दिल मे
बोहोत कुछ होता है जो
वो किसी को बता नहीं सकता
ओर कुछ चीज़ी बयान करने
के लिए शब्द ही नही होते
इसे मैं रॅप न्ही कहूँगा
ये एक दिल का गुब्बार है
जो मुद्दत से दिल में था
जब आप को कोई समझ न्ही पाता
जब आप स्ट्रग्लिंग के दौर में होते हो
और नाकामयाबी बेबसी बेकरारी
लफ़्ज़ों पर गौर कीजिए
समझ से मैं परे हूँ ना सोचो मेरे बारे
बदले में मिली लात जिनको दिए सहारे
स्तर लाइफ में भाई बनके साथ थे मेरे
आज वक़्त न्ही हक़ में तो छ्चोड़ गये सारे
क्या हुआ जो किसी ने भी सुना मेरा गाना नहीं
क्या हुआ जो मुंबई में मेरा कोई ठिकाना नहीं
मुसीबतों में अपनो ने फोन किए बंद
क्या हुआ जो दो दिन से खाया मैने खाना नहीं
ग़रीबी में आँखों ने समुंदर भर लिया
जो कितबे ना सिखाए मैने वो पढ़ लिया
14 अक्टोबर जनमदिन के चलते
कोई पार्टी ना माँग ले फोन ऑफ कर लिया
आलम आए गुम अब सीखा नही जाता
खुशियों के लिए ओर बिका नही जाता
खुश हूँ यारों जिस हाल में भी हूँ
फ़िज़ूल बाइ दर्द ओर लिखा नही जाता
अससन नही होता सब पाके सब गवाना
अससन नही होता खुद रो कर सबको हसाना
झुठ तो ज़ुबान पे आब सच की तरह है
अससन नही होता टूट के खुश हूँ बताना
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
नाकामयाबी का मुझसे रिश्ता पुराना है
बुरा वक़्त मा कसम मेरा ही देवाना है
आए देने वाले ज़रा देख एक नज़र
मेरे पास न्ही पैसे इलाज़ मा का करना है
आखों में आँसू लिया भीड़ में अकेला
सब देख रहे तमाशा जैसे लगा कोई मेला
सबदों से बयान ना होगी दास्तान जिंदगी
कोई झेल ना पाए कसम से जो मैने झेला
मेरी बात तुमको ये जो लगती है झुत
ये बाते रहने दो
चोर दो मुझे मेरे हाल पे घुटने
दो मरने दो ओर मुझे सहने दो
रोता रा चदरमें देके सर
सबके सामने हंसता रहा
ज़हेर ही ज़हेर था हर एक पल
सड़को पर भटकता रहा
देने को दिलासा मुझे आते थे सब
दिए न्ही सहारा किसी ने तब
पथर संज़ह सिर्फ़ ठोकर लगा था
बीता जो मुझपे ब्स जानता रब
नाशियात देने वाले
यहा आम दिख जाते है
साथ देने वाले
लोग नज़र कहा आते है
भरोसे पे भी अब
भरोसा ना रा
दाम बढ़ा के देखो
तो इंसान बिकक जाते है
अकेला हूँ पर
मेरा रब मेरे साथ है
दहाड़ू घायल होके मुझ
में शेरो सी बात ह
राजा था कल आयेज भी राजा रहूँगा
हालत मुझे तोड़ दे इनकी इतनी ना औकात हैं
भूका रहा मगर कभी हाथ ना फैलाया
बहने दिए घावव कभी मलम ना लगाया
पड़ता ना फ़र्क अब पथर है सीना
सुहकारिया मदद करने कोई सामने ना आया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया
ये दिल चुप छाप हज़ारों घूम से गया
कुछ तो था दिल में जो दिल में ही रह गया

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