Pehla Nasha

JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI, SURAJ JAGAN

पहला नशा पहला खुमार
नया प्यार है नया इंतज़ार
कर लू मैं क्या अपना हाल
ऐ दिल ए बेकरार
मेरे दिल ए बेकरार तू ही बता
पहला नशा पहला खुमार

उड़ता ही फिरूँ इन हवाओं में कहीं
या मैं झूल जाऊँ इन घटाओं में कहीं
उड़ता ही फिरूँ इन हवाओं में कहीं
या मैं झूल जाऊँ इन घटाओं में कहीं
एक कर दूँ आसमान और ज़मीं
कहो यारों क्या करूँ क्या नहीं
पहला नशा पहला खुमार
नया प्यार है नया इंतज़ार
कर लू मैं क्या अपना हाल
ऐ दिल-ए-बेकरार
मेरे दिल ए बेकरार तू ही बता
पहला नशा पहला खुमार

उसने बात की कुछ ऐसे ढंग से
सपने दे गयी वो हज़ारो रंग के
रह जाऊँ जैसे मैं हार के
और चूमें वो मुझे प्यार से
पहला नशा पहला खुमार
नया प्यार है नया इंतज़ार
कर लू मैं क्या अपना हाल
ऐ दिल ए बेकरार
मेरे दिल ए बेकरार तू ही बता
तू ही बता तू ही बता

Wissenswertes über das Lied Pehla Nasha von सनम

Wer hat das Lied “Pehla Nasha” von सनम komponiert?
Das Lied “Pehla Nasha” von सनम wurde von JATIN LALIT, MAJROOH SULTANPURI, SURAJ JAGAN komponiert.

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