Yeh Raat Bheegi Bheegi

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

इठलाती हवा नीलम सा गगन
कलियों पे ये बेहोशी की नमी
ऐसे में भी क्यूँ बेचैन है दिल
जीवन में ना जाने क्या है कमी
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा

जो दिन के उजाले में ना मिला
दिल ढूंढें ऐसे सपने को
इस रात की जगमग में डूबी
मैं ढूंढ रही हूँ अपने को
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

ऐसे में कहीं क्या कोई नहीं
भूले से जो हमको याद करे
एक हल्की सी मुस्कान से जो
सपनों का जहां आबाद करे
ये रात भीगी भीगी ये मस्त फिजाये
उठा धीरे धीरे वो चाँद प्यारा प्यारा
क्यूँ आग सी लगा के गुमसुम है चांदनी
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा
ये रात भीगी भीगी हम्म हम्म
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा

Wissenswertes über das Lied Yeh Raat Bheegi Bheegi von सनम

Wer hat das Lied “Yeh Raat Bheegi Bheegi” von सनम komponiert?
Das Lied “Yeh Raat Bheegi Bheegi” von सनम wurde von SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan komponiert.

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