Jigar Ka Dard Badhta Ja Raha Hai
Hasrat Jaipuri, SURAJ
जिगर का दर्द बढ़ता जा रहा है
मोहब्त का जमाना आ रहा है
नशा उलफत का छाया जा रहा है
मज़ा जीने का अब तो आ रहा है
मोहब्त की कोई कीमत नहीं है
मोहब्त की कोई कीमत नहीं है
खुदा तुममे भी पाया जा रहा है
मज़ा जीने का अब तो आ रहा है
मुझे तुमने कहा पहुचा दिया है
मुझे तुमने कहा पहुचा दिया है
के मुझसे आस्मा शर्मा रहा है
जिगर का दर्द बढ़ता जा रहा है
निगाहो से निगाहे मिल रही है
निगाहो से निगाहे मिल रही है
मेरा दिल है के झूमा जा रहा है
मज़ा जीने का अब तो आ रहा है