Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi

Nazir Kazmi

आँख खुलते ही छुप गए हर शह आलम-ए-बेखुदी में क्या कुछ था
लाख राहें थी लाख जलवे थे एहदे आवारगी में क्या कुछ था
याद है मरहले मुहब्बत के
याद है मरहले मुहब्बत के हाय उस बेकली में क्या कुछ था
कितने बीतें दिनों की याद आई आज तेरी कमी में क्या कुछ था
ये भी क्या शम्मे ए मुलाक़ात आई, ये भी क्या शम्मे ए मुलाक़ात आई
लब पे मुश्किल से तेरी बात आई, लब पे मुश्किल से तेरी बात आई
ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई

बस्तियाँ छोड़ के बरसे बादल, बस्तियाँ छोड़ के बरसे बादल
किस कयामत की ये बरसात आई, किस कयामत की ये बरसात आई
किस कयामत की ये बरसात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई
ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई

सुबह से चुप है तेरे हिज़्र नसीब, सुबह से चुप है तेरे हिज़्र नसीब
हाय क्या होगा अगर रात आई, हाय क्या होगा अगर रात आई
ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई

साया ए जुल्फे बुतामे नासिर, साया ए जुल्फे बुतामे नासिर
एक से एक नई रात आई, एक से एक नई रात आई
एक से एक नई रात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई
ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई, लब पे मुश्किल से तेरी बात आई
लब पे मुश्किल से तेरी बात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई
ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई, ये भी क्या शाम ए मुलाक़ात आई

Wissenswertes über das Lied Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi von पिनाझ मसानी

Wann wurde das Lied “Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi” von पिनाझ मसानी veröffentlicht?
Das Lied Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Tu Hi Mera Dil Tu Hi Meri Jaan” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi” von पिनाझ मसानी komponiert?
Das Lied “Ye Bhi Kya Shaam- E- Mulaqat Aayi” von पिनाझ मसानी wurde von Nazir Kazmi komponiert.

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