Kaliyon Ko Masalne Aaye Hai
A, N, Khurshid Anwar
कलियों को मसालने आए है
कलियों को मसालने आए है
फुलो को जलाने आए है
कलियों को मसालने आए है
फुलो को जलाने आए है
इस बाग की डाली डाली में
इस बाग की डाली डाली में
वो आग लगाने आए है
कलियों को मसालने आए है
मेहमान बनाया था उनको
आँखो पे बिताया था उनको
मेहमान बनाया था उनको
आँखो पे बिताया था उनको
मालूम ना था वो जीवन को
मालूम ना था वो जीवन को
वीरान बनाने आए है
मालूम ना था वो जीवन को
वीरान बनाने आए है
कलियों को मसालने आए है
वो अपने गीतो के तोहफे ले
जाए हमारी महफ़िल से
वो अपने गीतो के तोहफे ले
जाए हमारी महफ़िल से
हम अमृत के मतवालो को
हम अमृत के मतवालो को
वो ज़हर पिलाने आए है
हम अमृत के मतवालो को
वो ज़हर पिलाने आए है
कलियों को मसालने आए है