Yaari

MANZAR, MANN TANEJA

कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ

बद्रा छाई
दिल की यह लगान
ज़िंदगी में फिर कभी
ना जानू
लम्हा यह हसीन
तू जहाँ वहाँ मैं हूँ
संग तू ही रहे
हर घड़ी
छूटे ना लागी यह छूटे ना
शामे बीतने दो
तेरी मेरी यह जो यारियाँ
हस खेलनेडो

कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ
कैसी हे यारियाँ

हौले हौले छलके यह रंग नया
इस पल में जिएगें सारे
अँखियों के तीर में कैसा यह नशा
जादू सा यह चड़ता जाए
ओहो हो हल्की हल्की मुस्कुराहटें बड़ी
हल्का हल्का सा छलके
कैसी दीवानगी हमारी यह लगी
तेरी यारी में आए है मज़ा
बद्रा छाई
दिल की यह लगन
ज़िंदगी में फिर कभी
ना जानू
लम्हा यह हसीन
तू जहाँ वहाँ मैं हूँ
संग तू ही रहे
हर घड़ी

Wissenswertes über das Lied Yaari von आकांक्षा भंडारी

Wer hat das Lied “Yaari” von आकांक्षा भंडारी komponiert?
Das Lied “Yaari” von आकांक्षा भंडारी wurde von MANZAR, MANN TANEJA komponiert.

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