Babuji Dheere Chalna
उस गैरत ए नाहीं की हर तां है दीपक
शोला से लपट जाए है आवाज़ तो देखो
गीता दच्चि को कौन नही जानता
गीता जी इस दुनिया मे नही
मगर उनके गाए हुए गीत
आज भी संगीत प्रेमियो के दिलों को गरमा देती है
औरो की तरह मैं भी गीता जी की fan हू
शुरू से ही मेरी यह आरज़ू थी
की मैं गीता जी के गाए हुए गाने गाओ
उनके गाए हुए गीतो की गूँज
हमेशा मेरे ज़हन में गूँझती रही
मैं अपनी यह आवाज़ का मुकाबला
उनकी आवाज़ से करने का ख़याल भी दिल में नही ला सकती
बस यूँ समझिए गीता जी के गाए हुए वो गाने जो मुझे बोहट पसंद है
जीने मैं अक्सर stage पर भी गाती हू
उन्ही गीतों को मैं अपनी यह आवाज़ मे पिरो कर
गीता जी को प्यार और श्रद्धा के फूल पेश कर रही हू
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
क्यूँ हो खोये हुये सर झुकाये
जैसे जाते हो सब कुछ लुटाये
ये तो बाबूजी पहला कदम है
नज़र आते हैं अपने पराये
हाँ बड़े धोखे हैं बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
ये मुहब्बत है ओ भोलेभाले
कर न दिल को ग़मों के हवाले
काम उलफ़त का नाज़ुक बहुत है
आके होंठों पे टूटेंगे प्याले
हाँ बड़े धोखे हैं बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
हो गयी है किसी से जो अनबन
थाम ले दूसरा कोई दामन
ज़िंदगानी कि राहें अजब हैं
हो अकेला तो लाखों हैं दुश्मन
हाँ बड़े धोखे हैं बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना
प्यार में ज़रा सम्भलना
हाँ बड़े धोखे हैं
बड़े धोखे हैं इस राह में
बाबूजी धीरे चलना