Naseeba [Reprise]
जाने किस डगर है चला यह मैं बावरा
नैनों में चुभे टूटता सा कोई ख्वाब सा
झूठे दिलासे रे हुमको रुलाये रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं राहे
तू ही बता हाय
झूठे दिलासे रे
हुमको रुलाये रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं राहे
तू ही बता हाय
हाँखुशियां मिली भी तो इस तरह
के मुँह फेर के थि खड़ी
मैंने हाथ जो मिलाया तो बस
वो मिलते ही रो पड़ी
जितने सहारे हैं के बस बिचारे है
की क्या खता है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं राहे
तू ही बता हाय
झूठे दिलासे रे
हुमको रुलाये रे
कैसी सजा है या खुदा
क्या नसीबा चाहे
तू ही बता हाय
क्यों जुदा हैं राहें
तू ही बता बता हाय