Sau Tarah Ke [Revisited]

Pritam Chakraborty, Rakesh Kumar Pal, Ashish Pandit

कल सुबह सोचेंगे जो आज रात किया
कल सुबह गिन लेंगे सारी गलतियाँ
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
कल सुबह चले जाएंगे है घर जहाँ
कल सुबह बोलें जो भी बोलेगा जहाँ
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है (आयुअ आयुअ)

बाहों को बाहों में दे दे तू जगह
तुझसे तो दो पल का मतलब है मेरा
तेरे जैसे ही मेरा भी
दिल खुदगर्ज़ सा है
तेरे जैसे ही मेरा भी
दिल खुदगर्ज़ सा है
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
या या या या हबीबी
या या या या हबीबी
लिल्लाह या हबीबी आ

कल सुबह तक झूठा वाला प्यार करें
कल सुबह तक झूठी बातें चार करें
तू मेरा अभी हो
जा ना अजनबी फिर
हम मिलेंगे ना कभी
ला तख़फी महमा क़लू
आना क़लबी हवाकि(या अल्लाह हबीबी या अल्लाह)
ला तख़फी महमा क़लूउ
आना क़लबी हवाकि
तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है (या अल्लाह हबीबी या अल्लाह)
सौ तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है

आ आ आयुअ आयुअ या हबीबी

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