Dil Kehta Hai [Recreated Version]

Anu Malik, Majrooh Sultanpuri

दिल कहता है चल उनसे मिल
उठते हैं कदम रुक जाते हैं
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

हम जब से हैं जुदा ऐ मेरे हमनशीं
यूँ देखो तो मेरे दामन में क्या नहीं
दौलत का चाँद है शोहरत की चांदनी
मगर तुम्हें खो के लगे है मुझे ऐसा
के तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
तुम क्या जानो अब हम कितना
दिल ही दिल में पछताते हैं
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं
दिल कहता है चल उनसे मिल
उठते हैं कदम रुक जाते हैं
दिल हमको कभी समझाता है
हम दिल को कभी समझाते हैं

Wissenswertes über das Lied Dil Kehta Hai [Recreated Version] von सिद्धार्त स्लाथिया

Wer hat das Lied “Dil Kehta Hai [Recreated Version]” von सिद्धार्त स्लाथिया komponiert?
Das Lied “Dil Kehta Hai [Recreated Version]” von सिद्धार्त स्लाथिया wurde von Anu Malik, Majrooh Sultanpuri komponiert.

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