Pinjre Ke Panchhi
pradeep, Avinash Vyas
पिंजरे के पंछी रे
पिंजरे के पंछी रे
तेरा दर्द ना जाणे कोए
तेरा दर्द ना जाणे कोए
बाहर से तो खामोश रे है तू
बाहर से तो खामोश रे है तू
भीतर भीतर रोइ रे
हाय रे भीतर भीतर रोइ
तेरा दर्द न जाने कोई
कह न सके तू
अपनी कहानी
तेरी भी पंछी
क्या ज़िंदगानी रे
कह न सके तू
अपनी कहानी
तेरी भी पंछी
क्या ज़िंदगानी रे
विधि ने तेरी कथा लिखी
आंसू में कलम डुबोई
तेरा दर्द न जाने कोई
तेरा दर्द न जाने कोई
चुपके चुपके रोने वाले
रखना छुपाके
दिल के छाले रे
चुपके चुपके
रोने वाले
रखना छुपाके
दिल के छाले रे
ये पत्थर का
देश हैं पगले
कोई न तेरा होय
तेरा दर्द न जाने कोई
पिंजरे के पंछी रे
तेरा दर्द न जाने कोई
तेरा दर्द न जाने कोई
पिंजरे के पंछी रे