Woh Parinda
ARSH SHARMA, NIKHIL MALIK, SIDDHANT SACHDEV, SRIJAN MAHAJAN
रोशनी और परछाई साथ है
खबरें चल पड़ी हर तरफ
हवाओं में हलचल सी है
रोशनी और परछाई साथ है
दुनिया के शोर तुमसे कहें
ख्वाहिशों में मदहोश
ख़यालों में मस्त है
मुस्कुराहट का शोक
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ
गुज़र गया काफ़ी वक़्त अब
क्या है सही क्या है ग़लत
ना कोई सीमा फिर भी क्यू
थका है यह देखो बहुत
दिल कहे अब तू झूम ले
आ धुएँ के जहाज़ में चलें
जहाँ ना जाए कोई
चल वहाँ चलें
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ
वो परिंदा
बस चाहे यह धुआँ