Itne Door Ae Huzoor

Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi

इतने दूर है हुज़ूर
इतने दूर है हुज़ूर
कैसे मुलाक़ात हो
अजी कैसे मुलाक़ात हो
कुछ तुम चलो कुछ हम चले
कुछ तुम चलो कुछ हम चले
फिर दिल से दिल की बात हो
फिर दिल से दिल की बात हो
इतने दूर है हुज़ूर

हमारे दिल की बात को
हमारे दिल की बात को
कहे बगैर जान लो
अगर वह बात जान ली तो
अगर वह बात जान ली तो
अर्ज है कि मान लो
हो चुपके चुपके फैसला
हो चुपके चुपके फैसला
और चोरी चोरी बात हो
और चोरी चोरी बात हो
इतने दूर है हुज़ूर
इतने दूर है हुज़ूर
कैसे मुलाक़ात हो
अजी कैसे मुलाक़ात हो
इतने दूर है हुज़ूर

नज़र सलाम कर चुकी
नज़र सलाम कर चुकी
ज़रा जवाब दीजिए
हुज़ूर हम है आपके
हुज़ूर हम है आपके
न हमसे शर्म कीजिए
तुम हाँ कहो हम हाँ कहे
तुम हाँ कहो हम हाँ कहे
फिर अपनी मुलाक़ात हो
अजी अपनी मुलाक़ात हो
इतने दूर है हुज़ूर
इतने दूर है हुज़ूर
कैसे मुलाक़ात हो
अजी कैसे मुलाक़ात हो
इतने दूर है हुज़ूर

Wissenswertes über das Lied Itne Door Ae Huzoor von सुरिंदर कौर

Wer hat das Lied “Itne Door Ae Huzoor” von सुरिंदर कौर komponiert?
Das Lied “Itne Door Ae Huzoor” von सुरिंदर कौर wurde von Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi komponiert.

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