Ummeedon Pe Udasi Chha Gai
उम्मिदो पर उदासी छा गयी क्या तुम ना आओगे
उम्मिदो पर उदासी छा गयी क्या तुम ना आओगे
मेरे दिल की कली मुरझा गयी क्या तुम ना आओगे
बहारे जा फ़िज़ा बुलबुल के नगमे चाँदनी राते
बहारे जा फ़िज़ा बुलबुल के नगमे चाँदनी राते
हर एक शय आने वाली आ गयी क्या तुम ना आओगे
उम्मिदो पर उदासी छा गयी क्या तुम ना आओगे
तुम्हारी प्रीत ही मस्तक का हार ह आ आ आ आ
तुम्हारी प्रीत ही मस्तक का हार
दिल निगाहे का चस्मे मून
सिर पे आ गयी क्या तुम ना आओगे
उम्मिदो पेर उदासी छा गयी क्या तुम ना आओगे
ज़रा आओ मेरा हाले परेशान देखते जाओ
ज़रा आओ मेरा हाले परेशान देखते जाओ
मेरी फरियाद लब तक आ गयी क्या तुम ना आओगे
उम्मिदो पेर उदासी छा गयी क्या तुम ना आओगे