Seher [Female]

A.M. Turaz

इस पल में ही ज़िंदगी है
अब मुकम्मल हुआ सफ़र
डोर तक निगाहों को
कुच्छ भी आता नही नज़र
रहे ना रहे
मेरी आँखें
ख्वाब तेरे रहेंगे मगर
उँचा रहेगा हमेशा फक्र में
ये तेरा सर
और यही तू है सहेर
रेरे लिए मैं मार जौन
तो हो जौन मैं आडया
शोलों में भी उतार जौन
तो एहसास ना हो ज़रा
टूट के मैं बिखर जौन
हो जौन तुझमें फ़ना…
हादसों से गुज़र जौन
तो फिर जवँगा मैं संभाल
यही तो है मेरी सहेर

तू जो है तो रोशनी है
तुझसे ही तो रोशन है घर
तूने ही मेरे लिए तो जन्नत के खोले हैं दर
होने की मेरे तुझी से दुनिया में पौंची खबर
तू साथ है तो फिर मुझको
ना किसी का है कोई दर्र
यह ही तो है मेरी सहेर
तेरी कस्में मैने खाईं
यह है मेरी दास्तान
तुझको ही ज़मीन बनाईं
और तुझी को आसमान
मेरी किस्मत में लिखा है
फिकर तेरी मेरी वफ़ा
मैं खुद ही नही हूँ खुद में
मुझमें तू है इश्स क़दर
हन यही तो है मेरी सहेर

Wissenswertes über das Lied Seher [Female] von Aditi Singh Sharma

Wer hat das Lied “Seher [Female]” von Aditi Singh Sharma komponiert?
Das Lied “Seher [Female]” von Aditi Singh Sharma wurde von A.M. Turaz komponiert.

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