Kyun
क्यूँ इतनी हसीन पलकें तेरी
क्यूँ जुल्फें तेरी साहिल बनी, क्यूँ
हाँ जज़्बातों की आई बहारें क्यूँ लगे हवा में
हैं भरे इशारे मुझे इतना तू बता
क्यूँ उलझी हुयी बातें तेरी
क्यूँ लगती करीब सांसें तेरी, क्यूँ
हाँ जज़्बातों की आई बहारें क्यूँ लगे हवा में
हैं भरे इशारे मुझे इतना तू बता
परछाइयों में तस्वीरें दिखे
आईने में देखूँ तो तू साथ दिखे
बरखा की बूंदों में भी साजें जले
सिलवटों में तेरी पेहचानें दिखे
हाँ जैसे रेत पे लिखे वादे तुम भुला ना दोगे
जानु मैं कैसे मुझे इतना तू बता
मेरी जान में तू जान भरने के बहाने दे
ये जहां तेरी हाँ सुनने में लुटाने दे
मेरी जान में तू जान भरने के बहाने दे
तन्हा ही सुकून मिला जो छूना चाहे दिल ये
फिर से, क्यूँ
क्यूँ क्यूँ वो ओ ओ ओ
क्यूँ इतनी हसीन पलकें तेरी, क्यूँ