Tere Ishq Mein

Perwez Kaash

हम्म कितनी खरी इंसान को दौलत बक्शी है
हम्म कितनी खरी इंसान को दौलत बक्शी है
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
होहो सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
हम्म कितनी खरी इंसान को दौलत बक्शी है
कितनी खरी इंसान को दौलत बक्शी है
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
ओ सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है

रिश्तों को लज़्ज़त की डोर पिरोती है
टूटे जब ये डोरी तो आँखें रोती हैं
हाँ रिश्तों को लज़्ज़त की डोर पिरोती है
टूटे जब ये डोरी तो आँखें रोती हैं
इसकी ही तासीर से पिगले पत्थर
लाख कोई जुटलाये ये सच्चा मोती हैं
जोड़ने वाली दिल को करामत बक्शी है
हम्म जोड़ने वाली दिल को करामत बक्शी है
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
ओ सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है

हम्म सारे रंगो की इक फूलवारी है
इसके नाम से कायम दुनिया सारी है
हो सारे रंगो की इक फूलवारी है
इसके नाम से कायम दुनिया सारी है
सख़्त दिलो को ये मोम से पिगलाए
ऐसी प्यारी प्यार की ये चिंगारी है
भरके रंग निराले नज़ाकत बक्शी है
हम्म भरके रंग निराले नज़ाकत बक्शी है
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
हम्म सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है ओओ

ओओ ओओ ओओ ओओ

हम्म हो कोई अनबन या रूठे दिलबर
अपनो की टकरारे भारी हो दिल पर
हो कोई अनबन या रूठे दिलबर
अपनो की टकरारे भारी हो दिल पर
बैर दिलो की यह दिल से मिटाती है
लाती है ये खुशिया ग़म के चेहरो पर
सब क़िस्मो की इसने महारत बक्शी है
हम्म सब क़िस्मो की इसने महारत बक्शी है
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
हो सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है
हम्म हम्म आआ आआ ओओ ओओ
सब से आला चीज़ मोहब्बत बक्शी है

Wissenswertes über das Lied Tere Ishq Mein von Adnan Sami

Wer hat das Lied “Tere Ishq Mein” von Adnan Sami komponiert?
Das Lied “Tere Ishq Mein” von Adnan Sami wurde von Perwez Kaash komponiert.

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