Ab Toh Bahaaren Bhi

Sameer

तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम
तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम
अब तो बहारे भी लगती हैं
हमको खिज़ाव का मौसम
तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम

वो बाते वो यादे वो राते तड़पाती हैं
चाहत की वो कालिया सांसो को महकाती हैं
वो बाते वो यादे वो राते तड़पाती हैं
चाहत की वो कालिया सांसो को महकाती हैं
तन्हा समा हैं तन्हा शाम हैं
ना चैन हैं ना कही आराम हैं
तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम
अब तो बहारे भी लगती हैं
हमको खिज़ाव का मौसम

हाले दिल अब जाके हम किसको बतलाएँगे
मौत अगर आएगी हम हस के मार जाएँगे
हाले दिल अब जाके हम किसको बतलाएँगे
मौत अगर आएगी हम हस के मार जाएँगे
हसरत कोई ना ना कोई अरमान हैं
जिंदा हैं लेकिन जिस्म बेजान हैं
तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम
अब तो बहारे भी लगती हैं
हमको खिज़ाव का मौसम
तुमसे बिछड़के लगने लगा हैं
कैसे जियेंगे तुम बिन हम
अब तो बहारे भी लगती हैं
हमको खिज़ाव का मौसम

Wissenswertes über das Lied Ab Toh Bahaaren Bhi von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Ab Toh Bahaaren Bhi” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Ab Toh Bahaaren Bhi” von Alka Yagnik wurde von Sameer komponiert.

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