Babul Ka Ghar Chod Ke

Sameer

हो हो हो हो
बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है

बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है
मिलन है जुदाई है

बचपन के वो खेल खिलौने
छोड़के सब जाएगी
वो राजा रानी की कहानी
याद बहुत आएगी
रो कर भी ममता की कीमत
कैसे चुका पाएगी
बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है
मिलन है जुदाई है

मयका है दो दिन का बसेरा
कौन यहा रह पाए
बिन बेटे का बाप भी देखो
बेटी का ब्याह रचाए
रोके रुके ना आँसू की धारा
आँख छलकती जाए
बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है

बाबुल का घर छोड़के
बेटी पिया के घर चली
ये कैसी घड़ी आई है
मिलन है जुदाई है
मिलन है जुदाई है
मिलन है जुदाई है
मिलन है जुदाई है

Wissenswertes über das Lied Babul Ka Ghar Chod Ke von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Babul Ka Ghar Chod Ke” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Babul Ka Ghar Chod Ke” von Alka Yagnik wurde von Sameer komponiert.

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