Bagiya Ke Amrud

Dev Kohli

बगिया के अमरूद कहे और बोले मेरा तोता
यहा तेरा प्रीतम होता तो कितना अच्च्छा होता
गुंज रही है मेरे मन मे शादी की शहनाई
जब से देखा आपको मैने नींद नही फिर आई
डोली लेकर कब आएँगे प्रीतम तेरे द्वारे
लग्न हमारा कब होगा यह पूछ रहे है सारे
बगिया के अमरूद कहे और बोले मेरा तोता
यहा तेरा प्रीतम होता तो कितना अच्च्छा होता

ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना

हम

बिना आपके व्याकुल रहता है यह ह्रदय मेरा
मुरझाया लगता है मुझको इन फुलो का चेहरा
जल्दी आना मिलने मुझसे मेरे मन के वासी
वरना ये फुलो की बेले बन जाएँगी फासी
सोच रहे है हाथ मेरे ये बाते कैसे लिखे
कब तक बात निहारेगे कब तक धीरज रखे
बागो की कलिया कहती है की थक गये नैन हमारे
लग्न हमारा कब होगा यह पूछ रहे है सारे
बगिया के अमरूद कहे और बोले मेरा तोता
यहा तेरा प्रीतम होता तो कितना अच्च्छा होता

ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना
ना ना ना ना ना ना

हम

देख के पहली बार आपको आँखे झूम रही थी
आपकी प्यारी सूरत को नजरो से चूम रही थी
तबसे लेकर अब तक हर पल इक इक युग लगता है
वैसे कौन किसी को इतने प्यार से खत लिखता है
केह दी है मन की बाते और नही है कुछ कहना
पत्र मे हो ग़लती कोई उसको आप क्षमा करना
नाम आपका पत्ता पत्ता लेकर रोज पुकारे
लग्न हमारा कब होगा यह पूछ रहे है सारे
बगिया के अमरूद कहे और बोले मेरा तोता
यहा तेरा प्रीतम होता तो कितना अच्च्छा होता

सा सा सा सा
नि सा रे सा प म प
प ध नि ग म प ग सा सा
सा सा सा सा सा
नि सा रे प प
प ध नि ग म प रे सा सा

Wissenswertes über das Lied Bagiya Ke Amrud von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Bagiya Ke Amrud” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Bagiya Ke Amrud” von Alka Yagnik wurde von Dev Kohli komponiert.

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