Gham Hai Ya Khushi

Majrooh Sultanpuri, NUSRAT FATEH ALI KHAN

घाम है या खुशी है तू
घाम है या खुशी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
घम है या खुशी है
तू मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी रात का चिराग
मेरी रात का चिराग
मेरी रात का चिराग
मेरी रात का चिराग
मेरी नींद भी है तू
मेरी नींद भी है तू
घाम है या खुशी है
तू मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू

मैं खिजन की शाम हू
मैं खिजन की शाम हू
मैं खिजन की शाम हू
मैं खिजन की शाम हू
रुत बाहर की है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
घाम है या खुशी है
तू मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू

मेरी सारी उम्र्र में
मेरी सारी उम्र्र में
मेरी सारी उम्र्र में
मेरी सारी उम्र्र में
एक ही कमी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
घाम है या खुशी है
तू मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू
घाम है या खुशी है
तू मेरी ज़िंदगी है तू
मेरी ज़िंदगी है तू

Wissenswertes über das Lied Gham Hai Ya Khushi von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Gham Hai Ya Khushi” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Gham Hai Ya Khushi” von Alka Yagnik wurde von Majrooh Sultanpuri, NUSRAT FATEH ALI KHAN komponiert.

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