Hasil Mazza Hai

ANU MALIK, QATEEL SHIFAI

हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे

हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे

बेचैनिओ को झूमते दिल मे समेट कर
आई हो चांदनी मैं बदन को लपेट कर
आकाश से उतरके जब आती है ऐसी रात
तक़दीर आशिको की जगती है ऐसी रात
ये रात अर्जु है ख़ुशी है उमंग है
इस एक रात मैं कई रातो का रंग है
इस एक रात मैं कई रातो का रंग है

इतना ख्याल है तेरे जज़्बात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे
तू है मुझे पसंद मैं तुझको पसंद हूँ
मोती हूँ मैं मगर तेरी मुठी में बंद हूँ
ए जनेजा तेरा मेरे हाथों में हाथ है
उत्तरी हुवी दिलो मैं ख़ुशी की बारात है
ऑय मेरी चाँद तेरी किरण बन गयी हूँ मैं
लगता है आज रात दुल्हन बन गई हूँ मैं
लगता है आज रात दुल्हन बन गई हूँ मैं
बाकि पता नहीं है किसी बात का मुझे
हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
हासिल मज़ा है तेरी मुलाक़ात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे
सदियों से इंतज़ार था इस रात का मुझे

Wissenswertes über das Lied Hasil Mazza Hai von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Hasil Mazza Hai” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Hasil Mazza Hai” von Alka Yagnik wurde von ANU MALIK, QATEEL SHIFAI komponiert.

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