Jab Haal e Dil Tumse Kehne Ko

NADEEM SAIFI, SHRAVAN RATHOD, SURENDRA SAATHI

जब हाल ए दिल तुमसे केहने को
मैं मिलने आती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
जब हाल ए दिल
जब हाल ए दिल तुमसे केहने को
मैं मिलने आती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
जब हाल ए दिल

दिल तो दीवाना है
मैंने जाना है
इसलिए तो तुम्हें
दिलबर माना है
यूँ दिल को किसीके तरसाना
अच्छी बात नहीं
सच्चे प्रेमी को तड़पाना
अच्छी बात नहीं
मैं ना देखूँ जब तलक
तुज़को ना चैन पाती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
जब हाल ए दिल

ये इश्क़ नहीं आसान
बस इतना समझ लीजे
इक आग का दरिया है
और डूब के जाना है
इश्क़ वाले किसी
आग से ना डरें
प्यार की राह में
मर के भी वो चलें
चाहे कुछ भी अब हो जाए
तेरे प्यार में
है प्यार बिना रखा भी क्या
इस संसार में
तू याद आये जिस घडी
मुझको मैं दौड़ी आती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
जब हाल ए दिल
जब हाल ए दिल तुमसे केहने को
मैं मिलने आती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
मैं सोच में पड़ जाती हूँ
मैं सोच में पड़ जाती हूँ

Wissenswertes über das Lied Jab Haal e Dil Tumse Kehne Ko von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Jab Haal e Dil Tumse Kehne Ko” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Jab Haal e Dil Tumse Kehne Ko” von Alka Yagnik wurde von NADEEM SAIFI, SHRAVAN RATHOD, SURENDRA SAATHI komponiert.

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