Jism Ki Aanch Se

ANAND CHITRAGUPT, MAYA GOVIND, MILIND CHITRAGUPT

जिस्म की आंच से मैं तुमको जला डालूँगी
खुद भी मिट जाऊँगी तुमको भी मिटा डालूंगी
होने न होने का सब फर्क मिटा डालूंगी
होने न होने का सब फर्क मिटा डालूंगी
मेरे साथ आ मेरे साथ आ
मेरे साथ आ मेरे साथ आ
मेरे हाथों में हाथ देदो जरा
मेरे संग संग तुम आओ जरा
मेरे संग संग तुम आओ जरा हो ओ ओ ओ
मेरे साथ आ मेरे साथ आ
मेरे साथ आ मेरे साथ आ

जो न देखि हो वह दुनिया दिखा सकती हूँ
जो न देखि हो वह दुनिया दिखा सकती हूँ
जो सुनि होना कभी भी गीत सुना सकती हूँ
आँठवे सूर का आ आ आ आ
आँठवे सूर का जादू भी जगा सकती हूँ
मेरे साथ आ मेरे साथ आ
मेरे साथ आ मेरे साथ आ

क्यों मिले तुम मुझे इस वक़्त के दो राहे पर
क्यों मिले तुम मुझे इस वक़्त के दो राहे पर
तुम को पाकर मुझे खुद पे तो नाज़ आता हैं
तुमको जो दे सकू उससे भी डर लगता हैं

Wissenswertes über das Lied Jism Ki Aanch Se von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Jism Ki Aanch Se” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Jism Ki Aanch Se” von Alka Yagnik wurde von ANAND CHITRAGUPT, MAYA GOVIND, MILIND CHITRAGUPT komponiert.

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