Kitna Pagal Dil Hai Kaisi Ye Muskil Hai

nadeem shravan

कितना पागल दिल है
कैसी ये मुश्किल है
बेवजा किसी पे ऐतबार करे
जो भी यहां प्यार करे
जीना दुशवार करे
जो भी यहां प्यार करे
जीना दुशवार करे

अपने महबूब सनम को
दिल कभी भूल ना पाए
साथ चलते हैं पल पल
बिटि यादों के साये
चांद तारे बुझ जाए
रात काली हो जाए
एक दिलबर न हो तो
दुनिया खाली हो जाए
हर लम्हा दीदार करे
जीना दुशवार करे है
हर लम्हा दीदार करे
जीना दुशवार करे है
जो भी यहां प्यार करे
जीना दुशवार करे है

यही तो प्यार का अंदाज़ है

आंखों आंखों से कोई
तीर चलता रहता है
इस कदर सावन में भी है
जिस्म जलता रहता है
प्यास जितनी रूको मैं
उतनी बढ़ती जाति है
दूरियों की बेचिनी
मुझको उह तड़पती है
शामो सहर बाजार करे
जीना दुशवार करे है
शामो सहर बाजार करे
जीना दुशवार करे है
जो भी यह प्यार करे
जीना दुशवार करे है
कितना पागल दिल है
कैसी ये मुश्किल है
बेवजा किसी पे ऐतबार करे
जो भी यहां प्यार करे
जीना दुशवार करे है
जो भी यहां प्यार करे
जीना दुशवार करे है हाय हाय

Wissenswertes über das Lied Kitna Pagal Dil Hai Kaisi Ye Muskil Hai von Alka Yagnik

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Das Lied “Kitna Pagal Dil Hai Kaisi Ye Muskil Hai” von Alka Yagnik wurde von nadeem shravan komponiert.

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