Lekin Mohabbat Badi Hai

Javed Akhtar

चुप छाप तू क्यूँ खड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
चुप छाप तू क्यूँ खड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
आ दुनिया वालो से कह दे
वो चाहे माने या माने
आ दुनिया वालो से कह दे
वो चाहे माने या माने
लेकिन मोहब्बत बड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
चुप छाप तू क्यूँ खड़ी हैं

आ मैं बुलाता हूँ तुजको
आ तेरी मंज़िल यहा हैं
आ मैं बुलाता हूँ तुजको
आ तेरी मंज़िल यहा हैं
आ दिल की बाज़ी लगी हैं
आ दिल की बाज़ी लगी हैं
आ प्यार का इंतहा हैं
ये आज़मास घड़ी हैं
लेकिन मोहब्बत बड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
चुप छाप तू क्यूँ खड़ी हैं

सोनी से और हीर से मैने
सीखा करना प्यार
रोक नही पाएगी
मुजको अब कोई दीवार
तुज़से जो डोर थी मैं
कल तुज़से जो डोर थी मैं
बेबस थी मजबूर थी मैं
जब गूंजा तेरा तराना
टूटा मेरा क़ैद खाना
ज़ंजीर टूटी पड़ी है
सच है मोहब्बत बड़ी हैं
सच है मोहब्बत बड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं

हैं नाज़ ताक़त पे जिसको
हैं नाज़ ताक़त पे जिसको
वो हर सितम आज़माले
इतना समाज ले ये दुनिया
इतना समाज ले ये दुनिया
डरते नही प्यार वाले
ये मौत आयेज खड़ी हैं
सच हैं मोहब्बत बड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
आ दुनिया वालो से कह दे
वो चाहे माने या माने
लेकिन मोहब्बत बड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
ये फ़ैसले की घड़ी हैं
सच है मोहब्बत बड़ी हैं.

Wissenswertes über das Lied Lekin Mohabbat Badi Hai von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Lekin Mohabbat Badi Hai” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Lekin Mohabbat Badi Hai” von Alka Yagnik wurde von Javed Akhtar komponiert.

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