Mulaqat

Sameer

आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ
हे हे हे हे हे
हम नये है शहर मे हमको गले लगा लो
बरसो की प्यास दिलबर पल भर मे तुम बुझा लो
दीवानो मस्तानो ज़रा हमको पहचानो
कही ढूँढने से भी ना मिलेगी ऐसी हसी जवानी
आइए हमसे मुलाकात कीजिए
आइए हमसे मुलाकात कीजिए, दिल मे जो आए वही बात कीजिए
आइए हमसे मुलाकात कीजिए

सिने मे दे के हल्का सा दर्द दिल बेकरार कर के
महबूब यार जाओ ना ऐसे वादे हज़ार कर के
मौका निकल ना जाए सनम कही इंतज़ार कर के
इक बार देख तो लो ज़रा सा तुम हमसे प्यार कर के
हे हे जब भी जहाँ भी चाहो हमको वही बुला लो
गम ज़िंदगी के सारे मिलके सनम भुला लो
दीवानो मस्तानो ज़रा हमको पहचानो
कही ढूँढने से भी ना मिलेगी ऐसी हसी जवानी
आइए हमसे मुलाकात कीजिए
दिल मे जो आए वही बात कीजिए
कीजिए ना

रे रा रे रा रम पं पा रे रा रे रा रम पं पा
रे रा रे रा रम पं पा रे रा रे रा रम पं पा

आँखो की प्यास चेहरे का नूर होठो का रंग दे दे
ज़ूलफे ये काली गालो की लाली ये गोरा रंग दे दे
महके गुलाब जैसा शबाब पहली बहार दे दे
रंगीन रात पल भर का साथ सारा खुमार दे दे
हे हे फुलो से भी है नाज़ुक बाहो मे तुम उठा लो
खुश्बू हमारे तन की सांसो मे तुम बसालो
दीवानो मस्तानो ज़रा हमको पहचानो
कही ढूँढने से भी ना मिलेगी ऐसी हसी जवानी
आइए हमसे मुलाकात कीजिए
दिल मे जो आए वही बात कीजिए
आइए हमसे मुलाकात कीजिए, दिल मे जो आए वही बात कीजिए

Wissenswertes über das Lied Mulaqat von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Mulaqat” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Mulaqat” von Alka Yagnik wurde von Sameer komponiert.

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