Nazaare Jaage

JAVED AKHTAR, RAJU SINGH

तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे

तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे
नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे
तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे

घूँजे घूँजे हैं
फ़िज़्ज़ाओं में तराने कितने
खोए खोए से हैं
ये लम्हें सुहाने कितने
शाम ने पलके झुकाई
तो सितारे जागे

तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे

धीरे धीरे हूमें
चाहत का यकीन आही गया
होल होल हसीन खबों
का नशा च्छा ही गया

दिल जो धड़का तो कहीं
अरमान हमारे जागे

नर्मियाँ जागी निगाहों
में इशारे जागे

तुम जो आए तो फ़िज़्ज़ा
जागी नज़ारे जागे

Wissenswertes über das Lied Nazaare Jaage von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Nazaare Jaage” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Nazaare Jaage” von Alka Yagnik wurde von JAVED AKHTAR, RAJU SINGH komponiert.

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