Pyar Ka Pehla Saal Hai

Sameer

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ मे जो मेरा हाल है
ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है
सोचती हू के कैसे कटेगी उमर
प्यार का ये तो पहला साल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है
ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है
सोचता हू के कैसे कटेगी उमर
प्यार का ये तो पहला साल है
ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

कैसे बहलाऊँ मैं दिल को
ये बहलता ही नही
देखो बेताब है कितना
ये संभलता ही नही
दिल पागल दीवाना है
दुनिया से बेगाना है
हर घड़ी दिलरुबा का खयाल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

सोचती हूँ के कैसे कटेगी उमर
प्यार का ये तो पहला साल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

सच्ची लगती है मोहब्बत
झूठा लगता है जहाँ
सिर्फ़ चेहरा है उसी का
मूड के देखु मैं जहा
दिन भर आहे भरती हूँ
कुछ कहने से डरती हूँ
ये ज़िंदगी का सवाल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

सोचता हू के कैसे कटेगी उमर
प्यार का ये तो पहला साल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

ऐसी हालत किसी की ना हो
इश्क़ में जो मेरा हाल है

ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ आ आ

ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ आ आ

ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आ आ आ आ आ आ आ

Wissenswertes über das Lied Pyar Ka Pehla Saal Hai von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Pyar Ka Pehla Saal Hai” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Pyar Ka Pehla Saal Hai” von Alka Yagnik wurde von Sameer komponiert.

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