Yaadein Bani Parchaiyan [Duet]

JATIN LALIT, SAMEER

यादें बनी परछाईयाँ
चारों तरफ है तनहाईयाँ सनम
यादें बनी परछाईयाँ
चारों तरफ है तनहाईयाँ सनम
आग में दबा जैसे धुआँ
है यही हमारी दास्तान

यादें बनी परछाईयाँ
चारों तरफ है तनहाईयाँ सनम
आग में दबा जैसे धुआँ
है यही हमारी दास्तान
यादें बनी परछाईयाँ

क्या करे हम भला
हो बेवजह सी लगती ज़िंदगी
तुम वजह ढूंड लो
ज़िंदगी में आएगी खुशी
कह रही है क्या खामोशियाँ
दूरियाँ रहे ना दरमियाँ
यादें बनी परछाईयाँ

जो खुदा हो खफा
हाँ आदमी करे तो क्या करे
क्या तुम्हे है पता
वक़्त सारे ज़ख़्मो को भरे
जल गया हमारा आशियाँ
हम नया बनाएँगे जहाँ
यादें बनी परछाईयाँ
चारों तरफ है तनहाईयाँ सनम
यादें बनी परछाईयाँ
चारों तरफ है तनहाईयाँ सनम
आग में दबा जैसे धुआँ
है यही हमारी दास्तान
आग में दबा जैसे धुआँ
है यही हमारी दास्तान

Wissenswertes über das Lied Yaadein Bani Parchaiyan [Duet] von Alka Yagnik

Wer hat das Lied “Yaadein Bani Parchaiyan [Duet]” von Alka Yagnik komponiert?
Das Lied “Yaadein Bani Parchaiyan [Duet]” von Alka Yagnik wurde von JATIN LALIT, SAMEER komponiert.

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