Hum Apne Gham Ka Afsana

Shyam

हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके
वो जेया रहे थे मगर
हम उन्हें बुला ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके
वो जेया रहे थे मगर
हम उन्हें बुला ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके

हमारे हाले पेरशा पे लोग हेस्ट हैं
हमारे हाले पेरशा पे लोग हेस्ट हैं
मगर हम अपनी तबाही पे मुस्कुरा ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके

तमाम रात हूमें नींद ही नही आई
तमाम रात हूमें नींद ही नही आई
नसीब सो गया ऐसे की
हम जगा ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके

किसी से कौन कहें हम पे जो गुज़रती हैं
किसी से कौन कहें हम पे जो गुज़रती हैं
वो दाग दिल को मिले हैं
दिल बता ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके
वो जेया रहे थे मगर
हम उन्हें बुला ना सके
हम अपने घाम का अफ़साना
उन्हें सुना ना सके

Wissenswertes über das Lied Hum Apne Gham Ka Afsana von Anuradha Paudwal

Wann wurde das Lied “Hum Apne Gham Ka Afsana” von Anuradha Paudwal veröffentlicht?
Das Lied Hum Apne Gham Ka Afsana wurde im Jahr 2008, auf dem Album “Nagma-E-Mohabbat” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Hum Apne Gham Ka Afsana” von Anuradha Paudwal komponiert?
Das Lied “Hum Apne Gham Ka Afsana” von Anuradha Paudwal wurde von Shyam komponiert.

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