Mohabbatein Shukriya
लकीरों का लिख लिख
सफ़र हाथ थामा है
गोडली का जैसे उतरा समा है
कहीं पनियों पे तहलीरें हैं
माटी पे लिखी तकड़ीरें हैं
सांझ सवेरे रत्टियाँ तीन दिशावा रुकियाँ
अंदर सबके तक्केया अंदर सबके तक्केया
दरिया एक ही बहेया इक नुकते की बत्तियाँ
दरिया एक ही बहेया इक नुकते की बत्तियाँ
जंग है जुरत तो मोहब्बत क्या है
कैद परिंदे की हसरत क्या है
आज़ादी के नाम पे कितने हैं मातम
इंसान पे इंसान है आख़िर क्या कम
सांझ सवेरे रट्टियाँ तीन दिशावां रुकियाँ
अंदर सबके तक्केया अंदर सबके तक्केया
दरिया एक ही बहेया इक नुक्ते की बत्तियाँ
दरिया एक ही बहेया इक नुक्ते की बत्तियाँ
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया
दम दम शुक्रिया हम कदम शुक्रिया
सु यार शुक्रिया ऐतबार शुक्रिया
मोहबत तोहबत शुक्रिया शुक्रिया
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया