Ankaha

Salim-Sulaiman, Manoj Muntashir

आँखों से तू ने
क्या कहा है
मन ज़रा भी अपने वश में ना रहा
ये प्यार है या
और कुछ है
जो भी है ये छोड़ दें चल अनकहा

जब मौन तेरा
गाने लगा तो
रोके रुका ना
नदी सा ये मन बहा

ये प्यार है या
और कुछ है
जो भी है ये छोड़ दें चल अनकहा

पलकों तले तू
काजल के जैसा
तेरे बिन ये, नैन-दीपक, हैं बुझे
तू चंद्रमा है
मैं इक लेहर हूँ
खींचता है, बेतहाशा, तू मुझे

हो तू कल्पना में
ना समाए
कर चुका हूँ, सौ जतन मैं, बारहा
ये प्यार है या
और कुछ है
जो भी है ये छोड़ दें चल अनकहा

जब मौन तेरा
गाने लगा तो
रोके रुका ना
नदी सा ये मन बहा

आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ

Wissenswertes über das Lied Ankaha von Armaan Malik

Wer hat das Lied “Ankaha” von Armaan Malik komponiert?
Das Lied “Ankaha” von Armaan Malik wurde von Salim-Sulaiman, Manoj Muntashir komponiert.

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