Auliya

AMITABH BHATTACHARYA, SALIM SADRUDDIN MERCHANT, SULAIMAN SADRUDDIN MERCHANT

हारी अँखियों का सपना भी हारा हारा
सूनी रतियों में जैसे कोई टूटा तारा
उम्मीद की बाती से क्यों लौ है रूठी रूठी
कैसे जलाऊँ फिर शमा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा हाय
गिरते को उठना सीखा हाय
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
ये औलिआ

तूने हथेली की टेढ़ी लकीरों में दी हैं
नेमते या लिखी सज़ा है
हो हमने हमेशा सर आखों पे रखी है
जो भी तेरी रज़ा है
हो तेरी नज़र में सुना है कहीं ज़्यादा
दर्ज़ा दुआओं से है कोशिशों का
हो जो हो रहा है वो अंजाम है
कोशिशों का या हादसा है
है मेरे सामने आज दो कश्तियाँ
दिन किसी एक का ना ख़ुदा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा हाय
गिरते को उठना सीखा हाय
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
औलिआ मेरे रास्ता दिखा
हू औलिआ आ हम्म

Wissenswertes über das Lied Auliya von Armaan Malik

Wann wurde das Lied “Auliya” von Armaan Malik veröffentlicht?
Das Lied Auliya wurde im Jahr 2019, auf dem Album “Armaan Malik Live” veröffentlicht.
Wer hat das Lied “Auliya” von Armaan Malik komponiert?
Das Lied “Auliya” von Armaan Malik wurde von AMITABH BHATTACHARYA, SALIM SADRUDDIN MERCHANT, SULAIMAN SADRUDDIN MERCHANT komponiert.

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