Jaan Hai Meri

Rashmi Virag

आये थे इस तरह से तुम
जैसे कोई हो ख्वाब नया
बस यादें रह गयी देखो
हम में तुमने जो था ना रहा

हाँ पूछता हु में खुद से
दूर क्यूँ रहा तुझसे
जाते जाते सुनले तू ज़रा

लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी

लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी

तुझको अपना कभी
कहने से पहले सोचा नहीं
ख्वाब में भी तेरा
दिल तोड़ पाया नहीं

मैंने ये ज़िंदगी
तेरे ही नाम लिख दी मेरी
किस्मतों से तुझे पर
जोड़ पाया नहीं

पूछता हु मैं खुद से
और क्या कहूं तुमसे
जो तुझे बना दे बस मेरा

लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी
लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी

जिस दिन ये तुझे भूल गया
उस दिन थम जायेगा
ये दिल कुछ ना कर पायेगा
क्या एक पल भी जी पायेगा

मेरी तरह तुझको जब
एक दिन हो ही जाएगा
इश्क़ तब समझ में आएगा
तू खुद को रोक ना पायेगा

आओगे एक दिन चलके
मेरी राहों पे तुम देखना

हो धड़कनो को साँसों को
इन अकेली रातों को
इंतज़ार कबसे है तेरा

लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी

लबों पे नाम है तेरा
हाँ दिल में याद है तेरी
तू मेरा ना हुआ तो क्या
तू फिर भी जान है मेरी

Wissenswertes über das Lied Jaan Hai Meri von Armaan Malik

Wer hat das Lied “Jaan Hai Meri” von Armaan Malik komponiert?
Das Lied “Jaan Hai Meri” von Armaan Malik wurde von Rashmi Virag komponiert.

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