Jeetega Tera Junoon

Manoj Kumar Nath, Samuel, Akanksha

परदों से निकल चल जीले ये पल
परदों से निकल चल जीले ये पल

तू आज ख्वाबों को नज़दीक आनेदे
ग़म सा मुसाफिर जाता है जाने दे

इन करवटो को रातें जगाने दे
दहलीज़ का दिल मो की दिल को भुलाने दे

खुद पे कर ले तू बस तू यकीन
मुश्किल हैं अब कुछ भी नहीं
तू उड़ जा तेरा खुला हैं आसमान

जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जो रोके तुझे वो लहरें कहाँ हे
इन लेहरो से ऊँचा जज्बा तेरा
वो थमता नहीं वो हौंसला हे तू
जो रोके तुझे वो लहरें कहाँ हे
इन लेहरो से ऊँचा जज्बा तेरा
वो थमता नहीं वो हौंसला हे तू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू
जीतेगा तेरा जुनून
ओ मंज़िल भी होगी
तेरी राह से रूबरू

Wissenswertes über das Lied Jeetega Tera Junoon von Armaan Malik

Wer hat das Lied “Jeetega Tera Junoon” von Armaan Malik komponiert?
Das Lied “Jeetega Tera Junoon” von Armaan Malik wurde von Manoj Kumar Nath, Samuel, Akanksha komponiert.

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