Waqt Ke Jungle

Hussain Haidry

वक़्त के जंगल में
खोया है इक बंजारा, इक बंजारा
वक़्त के जंगल में
खोया है इक बंजारा

घूमे गलियों में
गोल गोल ज़िंदगी
मिले जो भी लगे
ज़रा ज़रा अजनबी

घूमे गलियों में
गोल गोल ज़िंदगी
मिले जो भी लगे
ज़रा ज़रा अजनबी

और नज़रें ढूंढें राह
दिखाने वाला सितारा
वक़्त के जंगल में
खोया है इक बंजारा

क़दम क़दम ये दम बदम
सवालों में खोया चला जाए है
क़दम क़दम ये दम बदम
अंधेरों में डूबा चला जाए है

सवालों में खोया
अंधेरों में डूबा
सवालों में खोया
अंधेरों में डूबा

चला जाए है
चला जाए है
चला जाए है

फिरे तन्हा मुसाफिरों सा ग़मज़दा
सुनी रात भर आहटों की ये सदा

फिरे तन्हा मुसाफिरों सा ग़मज़दा
सुनी रात भर आहटों की ये सदा
और रात कहे सब हाँ
ना आएगी दुबारा
वक़्त के जंगल में
खोया है इक बंजारा

Wissenswertes über das Lied Waqt Ke Jungle von Armaan Malik

Wer hat das Lied “Waqt Ke Jungle” von Armaan Malik komponiert?
Das Lied “Waqt Ke Jungle” von Armaan Malik wurde von Hussain Haidry komponiert.

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