Aa Raat Jati Hai Chupke Se

MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN

आ रात जाती है चुपके से मिल जायें दोनों
चलके कही अपनी आग मे जल जाए दोनो

अरे आप क्यों चुप हे, आइए हमारे साथ गाइए ना
मौका भी है आरजू भी, लग जा तू मेरे गले से
रंगीन सी बेखुदी मे हो,खो जा मुझे साथ लेके

यह बेकरारी का मौसम, यह सांस लेता अंधेरा
यू दल ज़ुल्फो के साए, फिर ना कभी हो सवेरा

हाथो मे यह हाथ लेके, मचल जाए दोनो
दो रंग जैसे की मिलते, हैं मिल जाए दोनो
आ रात जाती है चुपके से मिल जायें दोनों ला ला ला ला
चलके कही अपनी आग मे जल जाए दोनो (चलके कही अपनी आग मे जल जाए दोनो)

प्याले मे क्या है मुझे तो, अपने लबों की पीला दे
बुझ ना सकी जो उमर भर, वो प्यास तू ही बुझा दे
नज़दीक तू इतनी आ जा
ला ला ला ला
सिने मे पड़ जाए हलचल
देके बदन का सहारा
ला ला ला ला
मुझको उड़ाए लिए चल
खो जाए ऐसे की फिर, ना संभाल पाए दोनो
तडपे कुछ आज इस तरह से, बहल जाए दोनो
आ रात जाती है चुपके से मिल जायें दोनों ला ला ला ला
चलके कही अपनी आग मे जल जाए दोनो (चलके कही अपनी आग मे जल जाए दोनो)

Wissenswertes über das Lied Aa Raat Jati Hai Chupke Se von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Aa Raat Jati Hai Chupke Se” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Aa Raat Jati Hai Chupke Se” von Asha Bhosle wurde von MAJROOH SULTANPURI, RAHUL DEV BURMAN komponiert.

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