Ae Sanam Kuchh Kahna Hai Tumse
ए सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
भरी महफ़िल में कोई क्या करेगा राज़ की बातें
भरी महफ़िल में कोई क्या करेगा राज़ की बातें
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
तुम से हुआ जब कभी सामना शरमा गए है
तुम से हुआ जब कभी सामना शरमा गए है
देखा तुम्हें आज फिर जो ख़फ़ा गभरा गए है
मेरी आँखों को आती है इसी अंदाज़ की बाते
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
भरी महफ़िल में कोई क्या करेगा राज़ की बातें
सनम कुछ कहना है तुमसे
शीशा ए दिल बेरुखी से न यूँ तोड़ो किसी का
शीशा ए दिल बेरुखी से न यूँ तोड़ो किसी का
दिल की सुनो थाम लो जाने जा ओ दामन ख़ुशी का
अजी छेड़ो मोहब्बत के मसीहा राज़ की बातें
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
भरी महफ़िल में कोई क्या करेगा राज़ की बातें
भरी महफ़िल में कोई क्या करेगा राज़ की बातें
सनम कुछ कहना है तुमसे अकेले में
सनम कुछ कहना है तुमसे