Banda Parwar Raat Ke Andhere Men

Madan Mohan, Rajinder Krishnan

बंदा परवर

बंदा परवर बंदा परवर
हो रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर ओय होय होय
रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर

तार आया देखिये आपके ससुराल से
देखिये न अभी अभी आया है
तार आया देखिये आपके ससुराल से
सास कुवारी आपकी बैठी है सत्तर साल से
मिले अगर हा हा हा
कोई अच्छा वर हा हा
मिले अगर कोई अच्छा वर
बेचारी का आबाद हो घर
बंदा परवर हो हो हो
रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर

बुरा न मानो तो मैं पुछु झूठों के सरदार से
ए ए झूठे
बुरा न मानो तो मैं पुछु झूठों के सरदार से
अपना सर क्यों फोड़ रहे हो सपनो की दिवार से
दीवाने हो ए अन्जाने हो ए ए
दीवाने हो अन्जाने हो
क्या देख रहे हो आओ इधर
बंदा परवर हो
रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर

आप छुप कर अगर चले जाते
हाल-ए-दिल हम कभी न कह पाते
दिल की हर बात दिल में रह जाती
जिंदगी आसुंओ में बह जाती
आप छुपकर अगर चले जाते
हाल-ए-दिल हम कभी न कह पाते
दिल की हर बात दिल में रह जाती
जिंदगी आसुंओ में बह जाती
फिर ख्वाबों का अरमानो का
फिर ख्वाबों का अरमानो का
आगाज कभी ना होता अगर
बंदा परवर हो
रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर हो
रात के अँधेरे में यु चोरी चोरी चले किधर
बंदा परवर

Wissenswertes über das Lied Banda Parwar Raat Ke Andhere Men von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Banda Parwar Raat Ke Andhere Men” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Banda Parwar Raat Ke Andhere Men” von Asha Bhosle wurde von Madan Mohan, Rajinder Krishnan komponiert.

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