Darbadar Ki Thokren Hai
तक़दीर की ठोकर ऐसी लगी
सब सुंदर सपने टूट गये
ये मौत सहारा दे मुझको
जीतने थे सहारे छूट गये
हाय छूट गये
दर बदर की ठोकरे हैं, आसरा कोई नही
दर बदर की ठोकरे हैं, आसरा कोई नही
ये मुसाफिर तेरे मंज़िल, का पता कोई नही
दर बदर की ठोकरे
गम के तूफ़ानो मे ले चल, ये मेरे किस्मत मुझे
गम के तूफ़ानो मे ले चल, ये मेरे किस्मत मुझे
किस्मत मुझे
मैं वो कश्ती हू की जिसका, ना खुदा कोई नही
ये मुसाफिर तेरे मंज़िल, का पता कोई नही
दर बदर की ठोकरे
रोने वाले मुस्कुराने की तमन्ना छोड़ दे
रोने वाले मुस्कुराने की तमन्ना छोड़ दे
छोड़ दे
तेरे आँसू कह रहे हैं, अब तेरा कोई नही
ये मुसाफिर तेरे मंज़िल, का पता कोई नही
दर बदर की ठोकरे हैं