Haath Aaya Hai Jabse Tera Haath

O P Nayyar, Shevan Rizvi

हाथ आया है ह्म ह्म ह्म ह्म
हाथ आया है जबसे तेरा हाथ में
आ गया है नया रंग जज़बात में
मैं कहाँ हूँ मुझे ये खबर ही नहीं
तेरे कदमों पे ही गिर न जाऊँ कहीं
हाथ आया है

दिल में नज़रों से छुप-छुपके आया है तू
दिल चुराकर मेरा मुस्कुराया है तू
तू कहे तो मैं
तू कहे तो मैं एक बात तुझसे कहू
मेरा साथी नहिं बलकी साया है तू
मेरा साथी नहिं बलकी साया है तू
उंगलियाँ जब ज़माने की मुझपर उठें
खो न जाना कहीं ऐसे हालात में
रोशनी ज़िंदगी में मोहब्बत से है
वरना रखा है क्या चाँदनी रात में
हाथ आया है

दिल के जज़बात को मैं न ठुकराऊँगा
बलकी तसवीर-ए-जज़बात बन जाऊँगा
ओ हो हो ओ ओ हक मोहब्बत का
ओ हो हो ओ ओ
हक़ मोहब्बत का होता है कैसे अदा
वक़्त आया तो मैं ये भी दिखलाऊँगा
वक़्त आया तो मैं ये भी दिखलाऊँगा

प्यार के देवता के कदम चूमकर
ज़िंदगी नज़र कर दूँगी सौग़ात में
अब न घबराओ मंज़िल की दूरी से तुम
तुम अकेले नहीं मैं भी हूँ साथ में
हाथ आया है आ हा हा

Wissenswertes über das Lied Haath Aaya Hai Jabse Tera Haath von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Haath Aaya Hai Jabse Tera Haath” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Haath Aaya Hai Jabse Tera Haath” von Asha Bhosle wurde von O P Nayyar, Shevan Rizvi komponiert.

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