Hasraten Barbad Hain

Mulkraj Bhakri

हसरते बर्बाद हैं
अरमान हमारे लूट गये
हसरते बर्बाद हैं
अरमान हमारे लूट गये
प्यार की मंज़िल से पहले
गम के मारे लूट गये

चाँदनी रातें वो
चोरी की मुलाक़ाते कहा
ख्वाब हो कर रह गयी
वो प्यार की बातें कहा
अब अंधेरा आसमान है
चाँद तारे लूट गये
प्यार की मंज़िल से पहले
गम के मारे लूट गये

आ के तुझ बिन हर कदम पर
ठोकरें खाते हैं हम
भूलने वाले कभी
तुझको भी याद आते हैं हम
आसरा तेरा है बाक़ी
सब सहारे लूट गये
प्यार की मंज़िल से पहले
गम के मारे लूट गये

दरबदर हैं जैसे
की मेरा खुदा कोई नही
दरबदर हैं जैसे
की मेरा खुदा कोई नही
डूबती कश्ती हूँ
जिसका नाखुदा कोई नही
मौजें अब रोएँ कहा
जाकर किनारे लूट गये
प्यार की मंज़िल से पहले
गम के मारे लूट गये

Wissenswertes über das Lied Hasraten Barbad Hain von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Hasraten Barbad Hain” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Hasraten Barbad Hain” von Asha Bhosle wurde von Mulkraj Bhakri komponiert.

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