Haye Unki Woh Nigahen

MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI

ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म
आ आ आ आ आ

हाय उनकी वह निगाहें
दिल देखे जिनकी राहे
कोई उनसे जाके पूछे
हम क्यों न उन्हें चाहे
हाय उनकी वह निगाहें
दिल देखे जिनकी राहे
कोई उनसे जाके पूछे
हम क्यों न उन्हें चाहे
है उनकी वह निगाहें हे हे हे

जिस दिन हम पहले पहले रूठे थे उनसे मिलके
जिस दिन हम पहले पहले रूठे थे उनसे मिलके
उस दिन भी चुपके चुपके कहते थे हम यह दिल से
वह दिल भी कोई दिल है जिस में प्यार नहीं
हाय उनकी वह निगाहें दिल देखे जिनकी राहे
कोई उनसे जाके पूछे हम क्यों न उन्हें चाहे
हाय उनकी वह निगाहें हे हे हे

जैसे झुकते ही झुकते उठ जाती है यह पलकें
जैसे झुकाते ही झुकाते उठ जाती है यह पलकें
जैसे लेहरा लेहराके रुक जाती है यह जुल्फ़ें
यूँ समझो हम को भी यु ही करार नहीं
हाय उनकी वह निगाहें दिल देखे जिनकी राहे
कोई उनसे जाके पूछे हम क्यों न उन्हें चाहे
हाय उनकी वह निगाहें हे हे हे

यह बलखाते से रस्ते यह मतवाली सी बस्ती
यह बलखाते से रस्ते यह मतवाली सी बस्ती
हरसू नगमे ही नगमे हरसू मस्ती ही मस्ती
मिल जाती इसमे मेरी भी बहार कही
हाय उनकी वह निगाहें दिल देखे जिनकी राहे
कोई उनसे जाके पूछे हम क्यों न उन्हें चाहे
हाय उनकी वह निगाहें हे हे हे

Wissenswertes über das Lied Haye Unki Woh Nigahen von Asha Bhosle

Wer hat das Lied “Haye Unki Woh Nigahen” von Asha Bhosle komponiert?
Das Lied “Haye Unki Woh Nigahen” von Asha Bhosle wurde von MADAN MOHAN, MAJROOH SULTANPURI komponiert.

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