Hum Jab Simat Ke Aapki Bahon Men [Lofi]

Ravi, Sahir Ludhianvi

हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़्वाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ

खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
लहरा के अपने आप जवां जुल्फ़ खुल गई
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

लाखों हसीन ख़्वाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

आहा हाहा आहा हाहा ओ ओ ओ ओ
आहा हाहा हम्म हम्म हम्म

कह दी है दिल की बात नज़ारों के सामने
कह दी है दिल की बात नज़ारों के सामने
इकरार कर लिया है बहारों के सामने
दोनों जहां आज गवाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़्वाब निगाहों में आ गए

हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
मस्ती भरी घटाओं की परछाईयों तले
मस्ती भरी घटाओं की परछाईयों तले
हाथों में हाथ थाम के जब साथ हम चलें
शाखों से फूल टूट के राहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए
लाखों हसीन ख़्वाब निगाहों में आ गए
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गए

Wissenswertes über das Lied Hum Jab Simat Ke Aapki Bahon Men [Lofi] von Asha Bhosle

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Das Lied “Hum Jab Simat Ke Aapki Bahon Men [Lofi]” von Asha Bhosle wurde von Ravi, Sahir Ludhianvi komponiert.

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